Saturday, 21 April 2007

Another SMS...

सालों बाद ना जाने क्या समां होगा,
हम सब दोस्तो में से जाने कौन कहाँ होगा ?
फिर मिलना हुआ तो होगा ख्वाबों में,
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में ।

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