Wednesday, 18 April 2007

Another SMS...

बीत जाते हैं जो वो जमाने नहीं आते,
आते है तो वो लोग पुराने नहीं आते ।
कुछ इस कद्र बिखरा है आशिआं मेरा,
जहाँ पंछी भी रात बिताने नहीं आते ।

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